साम्प्रदायिता कि चपेट में विश्विद्यालय

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राज्य सभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक  2019 के पारित होने से व्यापक असंतोष देखा जा रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहें हैं, कुछ शांतिपूर्ण और कुछ उपद्रवी। ऐसा ही एक विरोध प्रदर्शन नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्विद्यालय में शुरू किया गया। पूरा परिसर “अज़ादी” के नारे से गूँज रहा था। एक राजनीतिक पैंतरेबाज़ी कि शय में, हमेशा की तरह, कुछ उपद्रवियों द्वारा इसे सांप्रदायिक रंग दिया गया। इस तरह के माहौल में जामिया में अल्पसंख्यक छात्र समुदाय के भीतर मौजूद उपसमुच्चय की आवाज को रौंद दिया जाता है और उसे सामने नहीं आने दिया जाता है। यह समझना और सराहना करना आवश्यक है कि जामिया के प्रत्येक छात्र का राजनीति की तरफ झुकाव नहीं है या वह उन CAB विरोधी विरोधों के समर्थन में नहीं हो।

जामिया टीचर्स एसोसिएशन ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 कि अवहेलना करते हुए एक विरोध मार्च बुलाया। जो विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना था। लेकिन छात्रों ने, पुलिस के द्वारा, मार्च को रोकने के लिए लगाये गए बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की। इसके चलते पुलिस ने अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया। इसके बाद, आस-पास के क्षेत्रों के छात्रों और नागरिकों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिसके कारण हालात और बिगड़ गई और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गैर-घातक हथियारों का इस्तेमाल करना पड़ा। विधायी कदम का विरोध करने के लिए कथित तौर पर एक विरोध प्रदर्शन किया गया जिसके कारण 2 पुलिस कर्मियों को आईसीयू में भर्ती कराया गया और 12 अन्य घायल हो गए। उपद्रवियों के इस भीड ने इतना उपद्रव मचाया कि स्थिति सामान्य होने तक परीक्षाएँ स्थगित करनी पड़ीं, जिससे कितने ही छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा और दांव पर लगेगा।

“अल्लाहु अकबर”, “नारा-ए-तकबीर” और “तेरा मेरा रिश्ता क्या है, ला इलाही इल्लल्लाह”, अज़ादी कौन दिलाएगा, ला इल्लिहा इल्लाह जैसे नारे;” कुछ लोगों द्वारा चिल्लाया जा रहा था। यह बहुत स्पष्ट हो गया है कि जेएमआई में बहुमत की राय विनाश और हिंसा की है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह बहुसंख्य छात्र समुदाय का दृष्टिकोण हो सकता है, लेकिन यह संम्पूर्ण विश्वविद्यालय या विश्वविद्यालय के हर एक छात्र द्वारा समर्थित नहीं है। जामिया के छात्र नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 का समर्थन करते हैं। हम हमेशा सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ मजबूत दीवार बने रहे हैं और हम आगे भी बने रहेंगे। हम सद्भाव और शांति में एक साथ खड़े होंगे। जय हिन्द!

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