‘माँ’ की इच्छा के बिना ‘मातृभाषा’ कैसे?

हाय गायज़! (अंग्रेज़ी शब्द हाय व गायज़) आप सोच रहे होंगे कि ये कैसा अभिवादन हुआ। लेकिन ‘नमस्कार’ पढ़ कर आपकी रूचि इस लेख से चली न जाए इसलिए लेखक को ऐसा करना आवश्यक लगा। दरअसल नमस्कार बोलना हमने सीखा ही नही। बचपन में जब माता जी पी.टी.एम. में साथ जाया करती थी तो टीचर […]

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चित्र भारती फिल्म महोत्सव का दूसरा संस्करण संपन्न

तीन दिनों तक चला चित्र भारती फिल्म महोत्सव का 21 फ़रवरी को पुरस्कार वितरण के साथ समापन हुआ। यह इस फिल्म महोत्सव का दूसरा संस्करण था। फिल्म महोत्सव में विभिन्न श्रेणियों में आई फिल्मों को पुरस्कृत किया गया। फिल्म डायरेक्टर श्री सुभाष घई, फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी, संगीतकार बाबुल सुप्रियों, विक्टर […]

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युवा शक्ति के दायित्व के प्रति उदासीनता

स्वामी विवेकानंद, एक ऐसा नाम जिसे भारत और हिंदुत्व को पहली बार विश्व पटल पर स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है, जिसने गुलाम भारत की सपेरों और तांत्रिकों वाली छवि को अपने ओजस्वी व्यक्तित्व तले दबा दिया और जो आज तक युवाओं के लिए उत्कृष्ट प्रेरणास्रोत है। केवल 39 वर्ष की युवावस्था में परम […]

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