युवा कविता 3 – ख्वाब

‘विश्व कविता दिवस’ के अवसर पर कैंपस क्रॉनिकल को बड़ी संख्या में कवितायेँ प्राप्त हुईं. कैंपस क्रॉनिकल की संपादकीय टीम ने ‘युवा कविता श्रृंखला’ के अंतर्गत उनमें से अधिकतर को हमारे मंच पर स्थान देने का प्रयास किया है. हम आशा करते हैं कि सुधि पाठक युवा कवि/कवियित्रियों का उत्साहवर्धन करेंगे और उन्हें नई बेहतरीन […]

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युवा कविता 2 – फटे जूते

‘विश्व कविता दिवस’ के अवसर पर कैंपस क्रॉनिकल को बड़ी संख्या में कवितायेँ प्राप्त हुईं. कैंपस क्रॉनिकल की संपादकीय टीम ने ‘युवा कविता श्रृंखला’ के अंतर्गत उनमें से अधिकतर को हमारे मंच पर स्थान देने का प्रयास किया है. हम आशा करते हैं कि सुधि पाठक युवा कवि/कवियित्रियों का उत्साहवर्धन करेंगे और उन्हें नई बेहतरीन […]

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शहीद दिवस विशेष – ‘युवक!’

[‘युवक!’ शीर्षक से नीचे दिया गया भगतसिंह का यह लेख ‘साप्ताहिक मतवाला’ (वर्ष : 2, अंक सं. 36, 16 मई, 1925) में बलवन्तसिंह के नाम से छपा था। इस लेख की चर्चा ‘मतवाला’ के सम्पादकीय कर्म से जुड़े आचार्य शिवपूजन सहाय की डायरी में भी मिलती है। लेख से पूर्व यहाँ’आलोचना’ में प्रकाशित डायरी के उस अंश […]

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शहीद दिवस

‘बंदिनी’ फिल्म का एक गाना है – ‘मत रो माता लाल तेरे बहुतेरे’। मन्ना डे ने अपना दिल चीर कर गाया हैं इस गाने को। इस गाने में दिखाते हैं कि एक कैदी को फांसी के लिए ले जाया जा रहा है, हाथ- पैर में बेड़ियाँ हैं परन्तु चेहरे पर एक अलग सी चमक और […]

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युवा कविता 1 – ‘समय’

‘विश्व कविता दिवस’ के अवसर पर कैंपस क्रॉनिकल को बड़ी संख्या में कवितायेँ प्राप्त हुईं. कैंपस क्रॉनिकल की संपादकीय टीम ने ‘युवा कविता श्रृंखला’ के अंतर्गत उनमें से अधिकतर को हमारे मंच पर स्थान देने का प्रयास किया है. हम आशा करते हैं कि सुधि पाठक युवा कवि/कवियित्रियों का उत्साहवर्धन करेंगे और उन्हें नई बेहतरीन […]

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“मैंने देखा है एक औरत को”

महिला दिवस के अवसर निधि यादव लिखती हैं – उसके सपनों के कत्लों को, लाशों को छुपाते हुए,सब से बचाते हुए,मैंने देखा है एक औरत को! पूरे घर को सींचते हुए,दर-दर पर भीगते हुए,अनचाहे छुए को सहते हुए,फिर भी जिन्दा रहते हुए,मैंने देखा है एक औरत को! अपनी रेखाओं को कोशते हुए,बची उम्र को काटते […]

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नारी की दशा और दिशा : भारतीय संस्कृति

लेखक : नीरजकुमार वर्मा महिला हमारे समाज की वह अंग है, जिसके बिना सब कुछ अधूरा है। महिला का हमारे समाज मे सबसे महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि इसके बिना कोई भी पुरुष पूर्ण नहीं हैं। पुरुष का जन्म भी महिला से ही संभव हैं। भारतीय संस्कृति के परिपेक्ष्य में महिलाओं की स्तिथि को समझते हुए, […]

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मानव जनसंख्या : पर्यावरण पर उसका प्रभाव

–Written By Digvijay Thakur हमारे आसपास की प्रत्येक वस्तु जड़, चेतन और प्राणी, हमारा रहन-सहन, खान-पान, सभी कुछ पर्यावरण का ही भाग है। विज्ञान के अनुसार कहें तो, चारों ओर की भूमि, जल, वायु और इसके ऊपर नीचे के सभी सजीव और निर्जीव सब पदार्थ मिलाकर बायोस्फीयर अर्थात जीवमंडल माना जाता है। जीवमंडल और मानव […]

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साम्प्रदायिता कि चपेट में विश्विद्यालय

राज्य सभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक  2019 के पारित होने से व्यापक असंतोष देखा जा रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहें हैं, कुछ शांतिपूर्ण और कुछ उपद्रवी। ऐसा ही एक विरोध प्रदर्शन नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्विद्यालय में शुरू किया गया। पूरा परिसर “अज़ादी” के नारे से गूँज […]

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Jamians and CAB: The alternate perspective

–Written By Rahul Kaul Vakil The passage of the Citizenship (Amendment) Bill, 2019 in the Rajya Sabha saw widespread dissent. Different parts of the country saw protests, some peaceful and the others not so much. One such protest was initiated at Jamia Milia Islamia, New Delhi. The entire campus was pierced by the cries for […]

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