नए मिजाज़ का शहर
अब नहीं कोई बात खतरे की अब सभी को सभी से खतरा है जॉन एलिया के इस शेर को किसी और संदर्भ में पढ़ते हुए मुझमें इतनी संजीदगी कभी नहीं आई जितनी आज आ रही है। आज से चार महीने पहले जब देश में कोरोना के सौ मामले भी नहीं थे तब किसी […]
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