दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव: क्या है चुनाव के प्रमुख मुद्दे?

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12 सितम्बर को दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्र संघ चुनाव होने वाला है. इस के लिए सभी छात्र संगठनों ने अपना-अपना घोषणा पात्र जारी किया है, जिस में छात्रों को लुभाने का भरपुर प्रयत्न किया गया है. जिस में सेनेट्री पैड वेंडिंग मशीन, महिला सुरक्षा, मेट्रो, हॉस्टल, CCTV कैमरे, बसों की व्यवस्था, जैसे लोक-लुभावन विषयों को जगह दिया गया है. चुनाव में किसे समर्थन देना है और किसे नहीं, इसके लिए यह जानना आवश्यक है कि कौन सा छात्र संगठन किस मुद्दे को प्राथमिकता देता है. इसके लिए हमें तीनों छात्र संगठनो के घोषना पत्र के बारे में जानना आवश्यक है.

इस चुनाव में AISA – CYSS गठबंधन कर चुनाव में उतरे हैं. गठबंधन ने अपने घोषणा पत्र में सभी कॉलेजों अौर विश्वविद्यालय परिसर में सैनेट्री पैड मशीन का प्रबंध करना, छात्रों के अंदर सकारात्मक सोच कि भावना जागृत करना, कैंटीन में अच्छी सुविधाएं, शिक्षकों तथा कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति के लिए संघर्ष, कैम्पस में महिलाओ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के तहत प्रत्येक कॉलेजों में कमिटी बनाना, नए कॉलेज खोलना, स्वास्थ्य के लिए बेहतर उपाय करवाना, एवं दिव्यांग छात्रों के लिए सुविधा, जैसे वादे किये है. वही AISA नेता का कहना था की CCTV कैमरा कॉलेज कैम्पस को गुंडागर्दी से दूर रखने के लिए तथा पुलिस बूथ अहम हैं. यह जानना दिलचस्प है कि CCTV का जे.एन.यू. विश्वविद्यालय में विरोध करने वाली AISA दिल्ली विश्ववविद्यालय में इसकी वकालत कर रही है. सत्ता पक्ष और विपक्ष में रहने
पर मुद्दों पर अपना स्टैंड बदलने का यह कालजयी उदाहरण है.

वहीं, NSUI ने कुछ दिन पहले जारी घोषणा पत्र में अपनी उपलब्धियों के साथ-साथ ABVP की नाकामियों का भी जिक्र किया है. NSUI के घोषणा पत्र के प्रमुख वादों में कॉलेजों में फीस काम करवाना, खाली पड़ी जमीन पर छात्रावास का निर्माण करवाना, मेट्रो-डीटीसी बसों के पास में रियायत के लिए प्रयास करना, मुफ़्त लैपटॉप वितरण करवाना, छात्र आयोग का गठन करना, लिखने-पढ़ने के लिए क्षेत्रीय भाषाओ के सामग्री का प्रबंध करवाना आदि आदि हैं. वही NSUI के नेता का कहना था कि वे दिल्ली विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे, जिस से संस्थान को अतिरिक्त फंड मिल सकेगा।

वहीं, तीसरी तरफ ABVP ने घोषणा पत्र जारी किया जिस में उन्होंने A से अकादमी, खेल एवं सहपाठयचर्या में सुधार, B से भारत प्रथम व् भेदभाव रहित समाज, V से विज़न फॉर वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी, तथा P से प्रतिज्ञा को अपने घोषणापत्र के केंद्र है. इन्होने अपने घोषणा पत्र में ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को दाखिले में विशेष सहायता, यूनिवर्सिटी में एक कोर्स – एक फीस, स्पोर्ट्स छात्रों के लिए डाइट की अच्छी व्यवस्था, आरक्षित सीट को भरना, स्कॉलरशिप की सही व्यवस्था करवाना, पोस्ट-ग्रेजुएट स्तर पर प्रवेश के लिए हिंदी माध्यम को बढ़ावा देना, राष्ट्रप्रेम की कक्षाएँ, क्षेत्रीय भाषा में अध्ययन सामग्री, हेल्थ एवं वेलनेस सोसायटी बनाना, नए कॉलेज एवं हॉस्टल खुलवाना, मेडिकल सेंटर में बिस्तरों की संख्या बढ़ाना, डिजिटल लाइब्रेरी बनवाना, किराया वसूली को लेकर कानून बनाना, नार्थ कैम्पस को बंद कैम्पस बनाने के लिए संघर्ष, छात्र – छात्राओं को सबल बनाने के लिए सभी कॉलेजों में आत्म रक्षा का प्रशिक्षण, महिला पुलिसकर्मी तथा पुलिस बूथ की स्थापना करवाना, पीसीआर वेन पेट्रोलिंग की व्यवस्था करवाना, कॉलेजों तथा छात्रावासों में सेनेट्री पैड वेडिंग मशीन लगवाना, सोशल मिडिया पर गाली-गलौज होने पर एक हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध करवाना – इन सभी वादों को विद्यार्थी परिषद ने अपने 11 पन्नों के घोषणा पत्र में जगह दिया है. ABVP के छात्र नेताओं ने कहा कि ABVP शब्द में डूसू के घोषणा पत्र में अन्तर्निहित है. वही इनके अध्यक्ष पद के उमीदवार अंकिव बसोया ने कहा कि हम DUSU का 50% से अधिक बजट छात्रों की समस्याओं को दूर करने में लगाएंगे.

जिस प्रकार से इन छात्र संगठनों ने छात्र हितों की बात कर अपने-अपने घोषणा पत्र जारी किए हैं, इस से तो अब यही लगता है की छात्रों का काया पलट होने वाला है. यह समय हीं पाएगा घोषणापत्रों के वादे निभाए जाएंगे या महज जुमला साबित होंगे? इस सभी लुभावन घोषणा पत्रों में यह देखने को नहीं मिला कि वह छात्रों को 100% प्लेसमेंट दिलाने के लिए प्रयत्न करने का वादा करे. किस प्रकार यह संगठन छात्रों को संगठित कर के समाज और राष्ट्र को उत्कृष्ट बनाने की सोच उत्पन करें, जिस से एक उत्तम भारत का सपना साकार हो सके – इसके लिए प्रतिबद्धता की कमी इन सभी घोषणा पत्रों में देखने को मिला.

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