
प्रस्तावना :
कभी “सोने की चिड़िया” कहलाने वाला भारत केवल अपनी समृद्धि के कारण महान नहीं था, बल्कि उसकी सनातन संस्कृति, धर्मनिष्ठ जीवनशैली, शौर्य एवं वीरता से परिपूर्ण शासन के कारण था। आज भारत तकनीकी और सामरिक रूप से तेजी से प्रगति कर रहा है, भारत की सेनाओं ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’से अपने सामर्थ्य का परीचय दिया है, फिर भी भारत के सामने की चुनौतीयां कम नही हो रही है । जैसे जैसे भारत आगे बढेगा, तो यह चुनौतियां भी अधिक विकराल होगी । आज जिस प्रकार भारत को बाहरी शत्रूओं से संकट है, वैसेही अंतर्गत शत्रूओं से भी संकट है । ऐसे में भारत का खोखला सेक्युलरवाद तथा वोट बँक के लिए तुष्टीकरण भारत को और भी कमजोर बनाएंगे । इस कारण भारत का फिर से विश्वकल्याणकारी ‘सनातन राष्ट्र’ के रूप में खड़ा होना समय की मांग बन गया है। इसी उद्देश्य से ‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ के द्वारा प्रस्तूत और ‘सनातन संस्था’ के द्वारा आयोजित भव्य शंखनाद महोत्सव 13 और 14 दिसंबर 2025 को ‘भारत मंडपम्’, नई दिल्ली (इंद्रप्रस्थ) में आयोजित किया जा रहा है । इस आयोजन का एक और विशेष अवसर है, अध्यात्म का तेजस्वी प्रसार करनेवाली ‘सनातन संस्था’ का रजत जयंती वर्ष!
नई दिल्ली में इस आयोजन का होना इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि दिल्ली केवल भारत की राजधानी नहीं, बल्कि राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक निर्णयों का केन्द्र है। इस कारण, सनातन संस्कृति और राष्ट्रभक्ति का संदेश राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रभावशाली रूप से प्रसारित होगा। इससे राष्ट्रीय एकता और शौर्यभाव की भावना प्रबल होगी और पूरे देश में ‘सनातन राष्ट्र’ की स्थापना की दिशा में प्रेरणा उत्पन्न होगी। इस हेतू मुख्य कार्यक्रम में 13-14 दिसंबर को भारत मंडपम के मुख्य कन्वेन्शन सभागार में विचार-विमर्श होगा, तथा शौर्य जागरण हेतू “एक्झिबिशन हॉल 12-ए” में एक इतिहासकालीन शस्त्रप्रदर्शनी, संस्कृती प्रदर्शनी का आयोजन होगा । यह प्रदर्शनी 13 से 15 दिसंबर इन तीन दिनों तक रहेगी ।

छत्रपति शिवाजी महाराज की ‘भवानी तलवार’ का प्रत्यक्ष दर्शन!
इस महोत्सव के विचार-विमर्श में ‘सनातन संस्कृति संवाद’ में सांस्कृतिक क्षेत्र के विद्वानों के साथ और ‘सनातन राष्ट्र पथदर्शन’ के माध्यम से राष्ट्र की गौरवगाथा को अनुभव किया जा सकेगा। दूसरे दिन ‘विश्वकल्याणकारी सनातन राष्ट्र’ पर विशेष सत्र, भारत की सुरक्षा से जुड़े नक्सलवाद और आतंकवाद जैसे गंभीर विषयों पर विशेषज्ञों की चर्चा तथा युद्धनीति और राष्ट्रीय रक्षा पर संवाद आयोजित किया जाएगा। इसी महोत्सव में अंतर्गत आयोजित इतिहासकालीन शस्त्रप्रदर्शनी में अन्य शस्त्रों के साथ पहली बार छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘भवानी तलवार’ का प्रत्यक्ष दर्शन कराया जाएगा, और इन शस्त्रों के उपयोग प्रत्यक्ष देखने हेतू परंपरागत युद्धकला का प्रात्यक्षिक इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहेगा।
‘सनातन राष्ट्र’ के कार्य में सहभागी होने का आवाहन!
महाभारत के युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने शंखनाद किया था, उसी धर्मयुद्ध में पांडवों ने अधर्म पर विजय प्राप्त की। सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले ने अपनी संस्था की स्थापना से ही हिंदू समाज को ईश्वरी अधिष्ठान पर आधारित ‘सनातन राष्ट्र’ निर्माण का ध्येय दिया और उसे साधने की दिशा भी दिखाई। दिल्ली में होने वाला यह महोत्सव धर्मनिष्ठ भक्तों को आत्मिक शक्ति, नवचैतन्य और ऊर्जा प्रदान करेगा। अतः हमे इस शंखनाद महोत्सव में सक्रिय रूप से सहभागी होना आवश्यक है।
सामूहिक शक्ति से ‘सनातन राष्ट्र’ की भोर अवश्य आएगी!
आज जब समाज अपने कर्तव्य के प्रती निष्क्रिय बन रहा है, तो उसे उर्जा देने का, राष्ट्र के लिए समर्पित कार्य के लिए प्रेरणा देने का कार्य छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘हिंदवी स्वराज्य’ के संकल्पमार्ग के द्वारा निश्चित ही होगा। जब प्रत्येक सनातनी सनातन राष्ट्र के संकल्प से प्रेरित होगा, तो यह महोत्सव ‘सनातन राष्ट्र’ की दिव्य स्थापना का रणघोष बनेगा।

